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आरती गंगाधर जी की( Aarti Gangadhar ji ki)

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आरती   गंगाधर  जी की ॥ॐ नम: शिवाय॥ ॥जय श्री पशुपतिनाथ॥ ॐ जय गंगाधर जय हर जय गिरिजाधीशा । त्वं मां पालय नित्यं कृपया जगदीशा ॥  ॐ हर हर महादेव कैलासे गिरिशिखरे कल्पद्रमविपिने । गुंजति मधुकरपुंजे कुंजवने गहने ॥ ॐ हर हर महादेव कोकिलकूजित खेलत हंसावन ललिता । रचयति कलाकलापं नृत्यति मुदसहिता ॥ ॐ हर हर महादेव तस्मिंल्ललितसुदेशे शाला मणिरचिता । तन्मध्ये हरनिकटे गौरी मुदसहिता ॥ ॐ हर हर महादेव क्रीडा रचयति भूषारंचित निजमीशम्‌ । इंद्रादिक सुर सेवत नामयते शीशम्‌ ॥ ॐ हर हर महादेव बिबुधबधू बहु नृत्यत नामयते मुदसहिता । किन्नर गायन कुरुते सप्त स्वर सहिता ॥ ॐ हर हर महादेव धिनकत थै थै धिनकत मृदंग वादयते । क्वण क्वण ललिता वेणुं मधुरं नाटयते॥ ॐ हर हर महादेव रुण रुण चरणे रचयति नूपुरमुज्ज्वलिता । चक्रावर्ते भ्रमयति कुरुते तां धिक तां ॥ ॐ हर हर महादेव तां तां लुप चुप तां तां डमरू वादयते । अंगुष्ठांगुलिनादं लासकतां कुरुते  ॐ हर हर महादेव कपूर्रद्युतिगौरं पंचाननसहितम्‌ । त्रिनयनशशिधरमौलिं विषधरकण्ठयुतम्‌ ॥ ॐ हर हर महादेव