विष्णु जी की चालीसा - Vishnu chalisa
विष्णु जी हिन्दू धर्म के देवता हैं। कहा जाता है विष्णु जी त्रिदेवों में से एक हैं। पुराणों में उल्लेख मिलता है की श्री हरि विष्णु जी जगत के पालन करता हैं। भगवान विष्णु को दया-प्रेम का सागर माना जाता है। विष्णु जी देवी लक्ष्मी (विष्णुजी की पत्नी) के साथ क्षीरसागर में वास करते हैं। सच्चे मन से आराधना करने पर वह व्यक्ति की सारी इच्छाएं पूर्ण करते हैं। विष्णु जी की चालीसा ।।दोहा।। विष्णु सुनिए विनय सेवक की चितलाय । कीरत कुछ वर्णन करूं दीजै ज्ञान बताय ॥ ।।चौपाई।। नमो विष्णु भगवान खरारी , कष्ट नशावन अखिल बिहारी । प्रबल जगत में शक्ति तुम्हारी , त्रिभुवन फैल रही उजियारी ॥ सुन्दर रूप मनोहर सूरत , सरल स्वभाव मोहनी मूरत । तन पर पीताम्बर अति सोहत , बैजन्ती माला मन मोहत ॥ शंख चक्र कर गदा बिराजे , देखत दैत्य असुर दल भाजे । सत्य धर्म मद लोभ न गाजे , काम क्रोध मद लोभ न छाजे ॥ सन्तभक्त सज्जन मनरंजन , दनुज असुर दुष्टन दल गंजन । सुख उपजाय कष्ट सब भंजन , दोष मिटाय करत जन सज्जन ॥ पाप काट भव सिन्धु उतारण , कष्ट नाशकर भक्त उबार