संदेश

hanuman 108 name लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैं

होली 2025: इतिहास, महत्व, सुरक्षा टिप्स और आधुनिक उत्सव की सम्पूर्ण गाइड | Holi Festival Guide in Hindi

चित्र
होली 2024: इतिहास, महत्व, रोचक तथ्य और आधुनिक तरीके | Complete Holi Guide होली 2024: रंगों के साथ संस्कृति का अनूठा संगम 🌈 📜 विषय सूची होली का ऐतिहासिक उद्गम भारत की विविध होली होली विशेष 5 पारंपरिक व्यंजन डिजिटल होली: नई परंपराएँ 1. होली की पौराणिक जड़ें: प्रह्लाद से फाग तक प्राचीन भारतीय ग्रंथों में होली का उल्लेख 'होलिकोत्सव' के रूप में मिलता है... क्यों जलाई जाती है होलिका? हिरण्यकश्यप और प्रह्लाद की कथा का सांस्कृतिक महत्व... 2. भारत के कोने-कोने में होली के रंग 🎭 लट्ठमार होली (उत्तर प्रदेश) बरसाना की विशेष परंपरा जहाँ महिलाएँ पुरुषों को लाठियों से मारती हैं... होला मोहल्ला (पंजाब) सिख परंपरा में मनाया जाने वाला युद्ध कौशल प्रदर्शन... 3. होली की थाली: 5 पारंपरिक स्वाद 🍽️ व्यंजन ...

बालाजी आरती - Balaji Aarti

चित्र
बालाजी आरती ॐजयहनुमतवीरा, स्वामीजयहनुमतवीरा। संकटमोचनस्वामी, तुमहोरणधीरा॥                                            ॐजयहनुमतवीरा.. पवन-पुत्रअंजनी-सुत, महिमाअतिभारी। दुःखदारिद्रयमिटाओ, संकटभयहारी॥                                             ॐजयहनुमतवीरा.. बालसमयमेंतुमने, रविकोभक्षलियो। देवनस्तुतिकीन्हीं, तुरतहिंछोड़दियो॥                                            ॐजयहनुमतवीरा.. कपिसुग्रीवरामसंग, मैत्रीकरवाई। अभिमानीबलिमेट्यो, कीर्तिरहीछाई॥                                             ॐजयहनुमतवीरा.. जारिलंकसिय-सुधिलेआए, वानरहर्षाए। कार...

श्री हनुमान चालीसा (Shri Hanuman Chalisa)

चित्र
।। श्री हनुमान चालीसा ।। ।।दोहा।। श्री गुरु चरण सरोज रज, निज मन मुकुर सुधार | बरनौ रघुवर बिमल जसु , जो दायक फल चारि | बुद्धिहीन तनु जानि के , सुमिरौ पवन कुमार | बल बुद्धि विद्या देहु मोहि हरहु कलेश विकार || ।।चौपाई। । जय हनुमान ज्ञान गुन सागर, जय कपीस तिंहु लोक उजागर | रामदूत अतुलित बल धामा अंजनि पुत्र पवन सुत नामा ||2|| महाबीर बिक्रम बजरंगी कुमति निवार सुमति के संगी | कंचन बरन बिराज सुबेसा, कान्हन कुण्डल कुंचित केसा ||4| हाथ ब्रज औ ध्वजा विराजे कान्धे मूंज जनेऊ साजे | शंकर सुवन केसरी नन्दन तेज प्रताप महा जग बन्दन ||6| विद्यावान गुनी अति चातुर राम काज करिबे को आतुर | प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया रामलखन सीता मन बसिया ||8|| सूक्ष्म रूप धरि सियंहि दिखावा बिकट रूप धरि लंक जरावा | भीम रूप धरि असुर संहारे रामचन्द्र के काज सवारे ||10|| लाये सजीवन लखन जियाये श्री रघुबीर हरषि उर लाये | रघुपति कीन्हि बहुत बड़ाई तुम मम प्रिय भरत सम भाई ||12|| सहस बदन तुम्हरो जस गावें अस कहि श्रीपति कण्ठ लगावें | सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा नार...

Ad - Multiplex