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भगवान शिव के विचित्र प्रतीक चिन्ह और उनका रहस्य चलिए जानते है (Let us know his secret symbol of Lord Shiva is bizarre)

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पराणादि शास्त्रों एवं देवालयों में भगवान शिव का मखमण्डल एवं बाह्म स्वरूप अत्यन्त सुन्दर, मनोहारी, प्रशान्त दिव्य—तेजमय, पूर्णानन्दमय एवं कल्याणमय वर्णित किया गया हैं। उन्होंने अभयमुद्रा धारण की हुई हैं तथा उनके मुाखरिन्द पर मन्द—मन्द मुस्कान की छटा छाई रहती है। भगवान शिव के सौम्य एवं प्रशान्त स्वरूप उनके विराट् व्यक्तित्व के साथ अनेक रहस्यपूर्ण एवं आश्चर्यमय पदार्थों का समावेश परिलक्षित होता है। जैसे रूद्राण किए हैं। उनकी सवारी वृषभ है और शिव कमण्डलू व भिक्षा पात्रादि ग्रहण किए हैं। जटाओं में गंगा धारण किए हुए तथा कण्ठ में कालकूट का विष, जहरीले सॉंप एवं समस्त शरीर अंगों पर भस्म धारण किए रहते हैं। भागवान शिव के अंग—संग र​हने वाली देवी पार्वती, गण, देव एवं अन्य विभिन्न ​वस्तुएं किसी न किसी महान् संदेश या उद्देश्य या प्रतीकात्मक रूप को लक्षित करते हैं। भगवान् शिव का चिन्मय आदि स्वरूप शिवलिंग माना गया है, जबकि प्रकृति रूपा पार्वती शिवलिंग की पीठाधार है—     पठिमम्बामयं सर्व शिवलिंग च चिन्मयम्।। ब्रह्मण्ड की आकृति भी शिवलिंग ​रूप है। शिवलिंग पूजा में शिव और शिक्ति दोनों की पूजा हो

आरती गंगाधर जी की( Aarti Gangadhar ji ki)

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आरती   गंगाधर  जी की ॥ॐ नम: शिवाय॥ ॥जय श्री पशुपतिनाथ॥ ॐ जय गंगाधर जय हर जय गिरिजाधीशा । त्वं मां पालय नित्यं कृपया जगदीशा ॥  ॐ हर हर महादेव कैलासे गिरिशिखरे कल्पद्रमविपिने । गुंजति मधुकरपुंजे कुंजवने गहने ॥ ॐ हर हर महादेव कोकिलकूजित खेलत हंसावन ललिता । रचयति कलाकलापं नृत्यति मुदसहिता ॥ ॐ हर हर महादेव तस्मिंल्ललितसुदेशे शाला मणिरचिता । तन्मध्ये हरनिकटे गौरी मुदसहिता ॥ ॐ हर हर महादेव क्रीडा रचयति भूषारंचित निजमीशम्‌ । इंद्रादिक सुर सेवत नामयते शीशम्‌ ॥ ॐ हर हर महादेव बिबुधबधू बहु नृत्यत नामयते मुदसहिता । किन्नर गायन कुरुते सप्त स्वर सहिता ॥ ॐ हर हर महादेव धिनकत थै थै धिनकत मृदंग वादयते । क्वण क्वण ललिता वेणुं मधुरं नाटयते॥ ॐ हर हर महादेव रुण रुण चरणे रचयति नूपुरमुज्ज्वलिता । चक्रावर्ते भ्रमयति कुरुते तां धिक तां ॥ ॐ हर हर महादेव तां तां लुप चुप तां तां डमरू वादयते । अंगुष्ठांगुलिनादं लासकतां कुरुते  ॐ हर हर महादेव कपूर्रद्युतिगौरं पंचाननसहितम्‌ । त्रिनयनशशिधरमौलिं विषधरकण्ठयुतम्‌ ॥ ॐ हर हर महादेव