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बजरंग बाण - Bajrang baan

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कलयुग में सबसे चर्चित, प्रभावशाली व शीघ्र फल प्रदान करने वाले हनुमान जी है। हनुमान जी की आराधना करने में नियम, संयम का पालन करना बहुत जरूरी होता है। क्योकि नियम, संयम में त्रुटि होने पर हनुमान जी दण्ड अवश्य देते है, इसलिए हनुमान जी की अराधना करने में किसी भी प्रकार का दुव्र्यसन न करें। संकट को हरने वाले हनुमान जी के अनेक रूप है। उनमें से एक है वज्र रूप। वज्र रूप वाले हनुमान जी को बजरंगबली कहा जाता है। बजरंगबली को प्रसन्न करने के लिए बजरंग बाण का पाठ करें। बजरंग बाण दोहा  निश्चय प्रेम प्रतीति ते , बिनय करैं सनमान। तेहि के कारज सकल शुभ , सिद्ध करैं हनुमान॥ चौपाई   जय हनुमंत संत हितकारी। सुन लीजै प्रभु अरज हमारी॥ जन के काज बिलंब न कीजै। आतुर दौरि महा सुख दीजै॥ जैसे कूदि सिंधु महिपारा। सुरसा बदन पैठि बिस्तारा॥ आगे जाय लंकिनी रोका। मारेहु लात गई सुरलोका॥ जाय बिभीषन को सुख दीन्हा। सीता निरखि परमपद लीन्हा॥ बाग उजारि सिंधु महँ बोरा। अति आतुर जमकातर तोरा॥ अक्षय कुमार मारि संहारा। लूम लपेटि लंक को जारा॥ लाह समान लंक जरि गई। जय जय ध

हनुमान जी के 108 नाम (108 Names of Hanuman अर्थ सहित

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हनुमान जी के 108 नाम (108 Names of Lord Hanuman) 108 Names of Hanuman अर्थ सहित 1.आंजनेया : अंजना का पुत्र   2.महावीर : सबसे बहादुर      3.हनूमत : जिसके गाल फुले हुए हैं                       4.मारुतात्मज : पवन देव के लिए रत्न जैसे प्रिय       5.तत्वज्ञानप्रद : बुद्धि देने वाले                               6.सीतादेविमुद्राप्रदायक : सीता की अंगूठी भगवान राम को देने वाले     7.अशोकवनकाच्छेत्रे : अशोक बाग का विनाश करने वाले         8.सर्वमायाविभंजन : छल के विनाशक 9.सर्वबन्धविमोक्त्रे : मोह को दूर करने वाले 10.रक्षोविध्वंसकारक : राक्षसों का वध करने वाले 11.परविद्या परिहार : दुष्ट शक्तियों का नाश करने वाले 12.परशौर्य विनाशन : शत्रु के शौर्य को खंडित करने वाले 13.परमन्त्र निराकर्त्रे : राम नाम का जाप करने वाले 14.परयन्त्र प्रभेदक : दुश्मनों के उद्देश्य को नष्ट करने वाले 15.सर्वग्रह विनाशी : ग्रहों के बुरे प्रभावों को खत्म करने वाले 16.भीमसेन सहायकृथे : भीम के सहायक 17.सर्वदुखः हरा : दुखों को दूर करने वाले 18.सर्वलोकचारिणे : सभी जगह वास करने वाले

श्री हनुमान चालीसा (Shri Hanuman Chalisa)

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।। श्री हनुमान चालीसा ।। ।।दोहा।। श्री गुरु चरण सरोज रज, निज मन मुकुर सुधार | बरनौ रघुवर बिमल जसु , जो दायक फल चारि | बुद्धिहीन तनु जानि के , सुमिरौ पवन कुमार | बल बुद्धि विद्या देहु मोहि हरहु कलेश विकार || ।।चौपाई। । जय हनुमान ज्ञान गुन सागर, जय कपीस तिंहु लोक उजागर | रामदूत अतुलित बल धामा अंजनि पुत्र पवन सुत नामा ||2|| महाबीर बिक्रम बजरंगी कुमति निवार सुमति के संगी | कंचन बरन बिराज सुबेसा, कान्हन कुण्डल कुंचित केसा ||4| हाथ ब्रज औ ध्वजा विराजे कान्धे मूंज जनेऊ साजे | शंकर सुवन केसरी नन्दन तेज प्रताप महा जग बन्दन ||6| विद्यावान गुनी अति चातुर राम काज करिबे को आतुर | प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया रामलखन सीता मन बसिया ||8|| सूक्ष्म रूप धरि सियंहि दिखावा बिकट रूप धरि लंक जरावा | भीम रूप धरि असुर संहारे रामचन्द्र के काज सवारे ||10|| लाये सजीवन लखन जियाये श्री रघुबीर हरषि उर लाये | रघुपति कीन्हि बहुत बड़ाई तुम मम प्रिय भरत सम भाई ||12|| सहस बदन तुम्हरो जस गावें अस कहि श्रीपति कण्ठ लगावें | सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा नारद सारद सह

हनुमान जी के मंत्र - Lord Hanuman Mantra

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हिन्दू धर्म में हनुमान जी को शक्ति और बल का प्रतीक कहा जाता है। रामायण के मुख्य किरदार रहे हनुमान जी को भगवान श्री राम का भक्त कहा जाता है। हनुमान जी की पूजा के लिए लोग मुख्य रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं लेकिन हनुमान जी की पूजा के लिए कुछ आसान मंत्र इस प्रकार हैं, ।।   हनुमानजी के मंत्र  ।। प्रेत आदि की बाधा निवृति हेतु हनुमान जी के इस मंत्र का जाप करना  चाहिए: ॐ दक्षिणमुखाय पच्चमुख हनुमते करालबदनाय नारसिंहाय ॐ हां हीं हूं हौं हः सकलभीतप्रेतदमनाय स्वाहाः। प्रनवउं पवनकुमार खल बन पावक ग्यानधन। जासु हृदय आगार बसिंह राम सर चाप घर।। *************************************************************************** शत्रुओं से मुक्ति पाने के लिए हनुमान जी के इस मंत्र का जाप करना चाहिए: ॐ पूर्वकपिमुखाय पच्चमुख हनुमते टं टं टं टं टं सकल शत्रु सहंरणाय स्वाहा। ************************************************* अपनी रक्षा और यथेष्ट लाभ हेतु इस मंत्र का जाप करना चाहिए- अज्जनागर्भ सम्भूत कपीन्द्र सचिवोत्तम। रामप्रिय नमस्तुभ्यं हनुमन् रक्ष सर्वदा।। **************