कृष्ण भजन (सबसे ऊंची प्रेम सगाई)
।। कृष्ण भजन ।। सबसे ऊंची प्रेम सगाई दुर्योधन के मेवा त्याग्यो, साग विदुर घर खाई | सबसे ऊंची प्रेम सगाई.......... जूठे फल शबरी के खाये, बहु विधि स्वाद बताई | सबसे ऊंची प्रेम सगाई........... राजसूय यज्ञ युधिष्ठिर कीन्हा, तामे जूठ उठाई | सबसे ऊंची प्रेम सगाई............ प्रेम के बस पारथ रथ हांक्यो, भूल गये ठकुराई | सबसे ऊंची प्रेम सगाई............ ऐसी प्रीत बढ़ी वृन्दावन, गोपियन नाच नचाई | सबसे ऊंची प्रेम सगाई............. प्रेम के बस नृप सेवा कीन्हीं, आप बने हरि नाई | सबसे ऊंची प्रेम सगाई............ सूर क्रूर एहि लायक नाहीं, केहि लगो करहुं बड़ाई | सबसे ऊंची प्रेम सगाई............. स्वर—जगजीत सिंह कवि—सूरदास जी