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शिवमहिम्न् स्तोत्र - Shivmahimanh Stotra

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।। शिवमहिम्न् स्तोत्र ।। श्रावण मास में भोलेनाथ शंकर की सादगी का वर्णन करने से ‍शिव प्रसन्न होते हैं। शिव के इस महिम्न स्तोत्रम् में शिव के दिव्य स्वरूप एवं उनकी सादगी का वर्णन है। महिम्नः पारं ते परमविदुषो यद्यसदृशी स्तुतिर्ब्रह्मादीनामपि तदवसन्नास्त्वयि गिरः अथाऽवाच्यः सर्वः स्वमतिपरिणामावधि गृणन् ममाप्येष स्तोत्रे हर निरपवादः परिकरः हे हर !!! आप प्राणी मात्र के कष्टों को हराने वाले हैं। मैं इस स्तोत्र द्वारा आपकी वंदना कर रहा हूं जो कदाचित आपके वंदना के योग्य न भी हो पर हे महादेव स्वयं ब्रह्मा और अन्य देवगण भी आपके चरित्र की पूर्ण गुणगान करने में सक्षम नहीं हैं। जिस प्रकार एक पक्षी अपनी क्षमता के अनुसार ही आसमान में उड़ान भर सकता है उसी प्रकार मैं भी अपनी यथाशक्ति आपकी आराधना करता हूं।  अतीतः पंथानं तव च महिमा वाङ्मनसयोः अतद्व्यावृत्त्या यं चकितमभिधत्ते श्रुतिरपि स कस्य स्तोत्रव्यः कतिविधगुणः कस्य विषयः पदे त्वर्वाचीने पतति न मनः कस्य न वचः हे शिव !!! आपकी व्याख्या न तो मन , ना ही वचन द्वारा ही संभव है। आपक

श्री शिव मानसपूजा - Shri Shiv Manasa Puja

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ये शिव जी कुछ मन्त्रों की सूची है इन्हें पढने के लिए मंत्र पर क्लिक (click ) करे-         1.  शिवताण्डवस्तोत्रम् - Shiv Tandav Stotram               2.  श्री शिवापराधक्षमापणस्तोत्रम् - Shiv Aprdham ksamapana Stotram               3.  श्री शिव चालीसा (Shri Shiv Chalisa)               4.  श्री शिव पंचाक्षर स्तोत्र - Shri Shiv Panchakshar Stotram               5.  भगवान शिव जी के 108 नाम है              6.  शिवजी की आरती - Shri Shiv Ji Ki Aarti ।। श्री शिव मानसपूजा ।।     आदि शङ्कराचार्य रत्नैः कल्पितमासनं हिमजलैः स्नानं च दिव्याम्बरं नानारत्न विभूषितं मृगमदा मोदाङ्कितं चन्दनम् ।  जाती चम्पक बिल्वपत्र रचितं पुष्पं च धूपं तथा दीपं देव दयानिधे पशुपते हृत्कल्पितं गृह्यताम् ॥ 1 ॥ सौवर्णे नवरत्नखण्ड रचिते पात्रे घृतं पायसं भक्ष्यं पञ्चविधं पयोदधियुतं रम्भाफलं पानकम् । शाकानामयुतं जलं रुचिकरं कर्पूर खण्डोज्ज्चलं ताम्बूलं मनसा मया विरचितं भक्त्या प्रभो स्वीकुरु ॥ 2 ॥ छत्रं चामरयोर्युगं व्यजनकं चादर्शकं निर्मलं वीणा भेरि मृदङ्ग काहलकला गीतं च नृत्यं तथा