संदेश

Diwali लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैं

धनतेरस पूजा विधि - Dhanteras Poojan Vidhi

चित्र
कार्तिक का महिना वैदिक ज्योतिष के हिसाब से बहुत ज्यादा महत्तव रखता है। इस महीने में बहुत से महत्वपूर्ण त्यौहार आते हैं और साधना के लिए भी ये उपयुक्त समय होता है। कार्तिक महीने की कृष्ण पक्ष के तेरहवे दिन “धनतेरस” नाम का त्यौहार भारत में मनाया जाता है। पांच महत्वापोरना दिन- धन तेरस के दिन महत्त्वपूर्ण चीजे खरीदने का रिवाज है , सोना-चाँदी के जेवर आदि खरीदने का रिवाज है। वास्तव में धन तेरस के दिन से आने वाले पांच दिन बहुत ही महत्त्वपूर्ण होते हैं। इसके ठीक दुसरे दिन "नरक चतुर्दशी” मनाई जाती है जिस दिन लोग विशेष तौर पर सफाई करके माँ लक्ष्मी को आमंत्रित करते हैं। “नरक चतुर्दशी” के बाद दिवाली का त्यौहार मनाया जाता है।   उसके बाद गोवेर्धन की पूजा होती है और उसके अगले दिन “भाई दूज” मनाया जाता है। अतः धन तेरस के दिन से लोग व्यस्त हो जाते हैं विभिन्न प्रकार के कर्म कांडो में।। धन तेरस के दिन लोग घर में उपयोग में आने वाले बर्तन ,   सोना-चांदी के जेवर ,  आदि खरीदते हैं। ये माना जाता है  की धनतेरस की दिन कोई भी वास्तु लेना शुभ होता है, ओर आपको कमियाबी मिलती है एवं आपके घर

दिपावली क्या है .. ? चलिऐ जानते है। - Diwali Kya Hai Chaliye Jante hai

चित्र
दिपावली क्या है ​चलिऐ जानते है। इसके बारे में इसके पीछे कि कहानी। दिपावली तो सभी मनाते है परंन्तु क्या किसी ने यह जानने कि कोशिस की है कि दिपावली को मनाने के पीछे कारण क्या है, चलिऐ आपको बताते है। राम अयोध्या लौटे थे - प्राचीन ग्रन्थ रामायण में बताया गया है कि कई लोग दीपावली को 14 साल के वनवास पश्चात भगवान राम व उनकी पत्नी सीता और उनके भाई लक्ष्मण की वापसी के सम्मान के रूप में मानते हैं। निर्वाण दिवस दीपावली - प्राचीन महाकाव्य महाभारत के अनुसार कुछ लोग दीपावली को पांडवों के 12 वर्षों के वनवास व 1 वर्ष के अज्ञातवास के बाद उनकी वापसी के प्रतीक रूप में मानते हैं। और एक तरफ कुछ लोग दीपावली को भगवान विष्णु की पत्नी तथा उत्सव, धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी से जुड़ा हुआ मानते हैं। दीपावली का पांच दिवसीय महोत्सव देवताओं और राक्षसों द्वारा दूध के लौकिक सागर के मंथन से पैदा हुई लक्ष्मी के जन्म दिवस से शुरू होता है। दीपावली की रात वह दिन है जब लक्ष्मी ने अपने पति के रूप में विष्णु को चुना और फिर उनसे शादी की। मॉंं लक्ष्मी के साथ-साथ भक्त बाधाओं को दूर करने के प्रतीक गणेश, संगीत