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Namami Shamishan

Namami shamishan nirvan roopam Vibhum vyapakam brahma veda swaroopam, Nijam nirgunam nirvikalpam nireeham Chidakasamaakasa vasam bhajeham.. Niraakara monkaara moolam thureeyam Giraa jnana gotheethamesam gireesam, Karalam maha kala kalam krupalam Gunaa gara samsara param nathoham... Thushaaraadhi sankasa gowram gabheeram, Mano bhootha koti prabha sree sareeram, Sphuran mouli kallolini charu ganga, Lasaddala balendu kante bhujanga... Chalath kundalam bru sunethram vishaalam, Prasannananam neela kandam dhayalam, Mugadheesa charmambaeam munda malam, Priyam shankaram sarva nadham bhajami... Prachandam prakrushtam prakalbham paresam, Akhandam ajam bhanu koti prakasam, Thraya soola nirmoolanam soola panim, Bhajeham bhavani pathim bhava gamyam... Kalatheetha kalyani kalpanthakari, Sada sajjananda datha purari, Chidananda sandoha mohapahari, Praseeda praseeda prabho mamamadhari... Na yavad umanada padaravindam, Bhajantheeha loke

शिवमहिम्न् स्तोत्र - Shivmahimanh Stotra

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।। शिवमहिम्न् स्तोत्र ।। श्रावण मास में भोलेनाथ शंकर की सादगी का वर्णन करने से ‍शिव प्रसन्न होते हैं। शिव के इस महिम्न स्तोत्रम् में शिव के दिव्य स्वरूप एवं उनकी सादगी का वर्णन है। महिम्नः पारं ते परमविदुषो यद्यसदृशी स्तुतिर्ब्रह्मादीनामपि तदवसन्नास्त्वयि गिरः अथाऽवाच्यः सर्वः स्वमतिपरिणामावधि गृणन् ममाप्येष स्तोत्रे हर निरपवादः परिकरः हे हर !!! आप प्राणी मात्र के कष्टों को हराने वाले हैं। मैं इस स्तोत्र द्वारा आपकी वंदना कर रहा हूं जो कदाचित आपके वंदना के योग्य न भी हो पर हे महादेव स्वयं ब्रह्मा और अन्य देवगण भी आपके चरित्र की पूर्ण गुणगान करने में सक्षम नहीं हैं। जिस प्रकार एक पक्षी अपनी क्षमता के अनुसार ही आसमान में उड़ान भर सकता है उसी प्रकार मैं भी अपनी यथाशक्ति आपकी आराधना करता हूं।  अतीतः पंथानं तव च महिमा वाङ्मनसयोः अतद्व्यावृत्त्या यं चकितमभिधत्ते श्रुतिरपि स कस्य स्तोत्रव्यः कतिविधगुणः कस्य विषयः पदे त्वर्वाचीने पतति न मनः कस्य न वचः हे शिव !!! आपकी व्याख्या न तो मन , ना ही वचन द्वारा ही संभव है। आपक

श्री शिव पंचाक्षर स्तोत्र - Shri Shiv Panchakshar Stotram

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भगवान ​शिव को देवों के देव महादेव कहा जाता है। भगवान शिवजी की आराधना का मूल मंत्र तो ऊं नम: शिवाय ही है। लेकिन इस मंत्र के अतिरिक्त भी कुछ मंत्र हैं जिनसे भगवान शिव बेहद प्रसन्न हो जाते हैं। ये शिव जी कुछ मन्त्रों की सूची है इन्हें पढने के लिए मंत्र पर क्लिक (click ) करे-         1.  शिवताण्डवस्तोत्रम् - Shiv Tandav Stotram               2.  श्री शिवापराधक्षमापणस्तोत्रम् - Shiv Aprdham ksamapana Stotram               3.  श्री शिव मानसपूजा - Shri Shiv Manasa Puja               4.  शिवजी की आरती - Shri Shiv Ji Ki Aarti               5.  भगवान शिव जी के 108 नाम है              6.  श्री शिव चालीसा (Shri Shiv Chalisa) ।।श्री शिव पंचाक्षर स्तोत्र।। . नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय भस्मांग रागाय महेश्वराय नित्याय शुद्धाय दिगंबराय तस्मे न काराय नम: शिवाय:॥ अर्थ : हे महेश्वर! आप नागराज को हार स्वरूप धारण करने वाले हैं। हे (तीन नेत्रों वाले) त्रिलोचन आप भष्म से अलंकृत, नित्य (अनादि एवं अनंत) एवं शुद्ध हैं। अम्बर को वस्त्र सामान धारण करने वाले दिग्म्बर शिव, आपके न्  अक्