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मंगलवार की आरती - Mangalvar Ki Aarti

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मंगलवार की आरती आज मंगलवार हे.. महावीर का वार हे.. ये सच्चा दरबार है. सच्चे मन से जो कोई ध्यावे.. उसका बेडा पार हे.. चैत सुदी पूनम मंगल का , जन्म वीर ने पाया हे.. लाल लंगोट , गदा हाथ मे , सिर पर मुकट सजाया हे.. शंकर का अवतार हे , महावीर का वार हे..                                              सच्चे मन से...... ब्रह्माजी के ब्रह्म ज्ञान का , बल भी तुमने पाया हे.. राम काज शिवशंकर ने , वानर का रूप धारया हे.. लीला अपरम्पार हे , महावीर का वार हे..                                              सच्चे मन से...... बालापन में महावीर ने , हरदम ध्यान लगाया है. श्राप दिया ऋषियों ने तुमको , ब्रह्म ध्यान लगाया है. राम नाम आधार है महावीर का वार है.                                                सच्चे मन से...... राम जन्म हुआ अयोध्या में , कैसा नाच दिचाया हे.. कहा राम ने लक्ष्मण से , यह वानर मन को भाया हे.. राम चरण से प्यार हे.. महावीर का वार हे..                                                सच्चे मन से...... पंचवटी से माता को जब , रावण लेकर आया हे.. लं

बजरंग बाण - Bajrang baan

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कलयुग में सबसे चर्चित, प्रभावशाली व शीघ्र फल प्रदान करने वाले हनुमान जी है। हनुमान जी की आराधना करने में नियम, संयम का पालन करना बहुत जरूरी होता है। क्योकि नियम, संयम में त्रुटि होने पर हनुमान जी दण्ड अवश्य देते है, इसलिए हनुमान जी की अराधना करने में किसी भी प्रकार का दुव्र्यसन न करें। संकट को हरने वाले हनुमान जी के अनेक रूप है। उनमें से एक है वज्र रूप। वज्र रूप वाले हनुमान जी को बजरंगबली कहा जाता है। बजरंगबली को प्रसन्न करने के लिए बजरंग बाण का पाठ करें। बजरंग बाण दोहा  निश्चय प्रेम प्रतीति ते , बिनय करैं सनमान। तेहि के कारज सकल शुभ , सिद्ध करैं हनुमान॥ चौपाई   जय हनुमंत संत हितकारी। सुन लीजै प्रभु अरज हमारी॥ जन के काज बिलंब न कीजै। आतुर दौरि महा सुख दीजै॥ जैसे कूदि सिंधु महिपारा। सुरसा बदन पैठि बिस्तारा॥ आगे जाय लंकिनी रोका। मारेहु लात गई सुरलोका॥ जाय बिभीषन को सुख दीन्हा। सीता निरखि परमपद लीन्हा॥ बाग उजारि सिंधु महँ बोरा। अति आतुर जमकातर तोरा॥ अक्षय कुमार मारि संहारा। लूम लपेटि लंक को जारा॥ लाह समान लंक जरि गई। जय जय ध