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कमलास्तोत्रम् ( kamala stotram)

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विष्णु पुराण में कमला स्तोत्र का उल्लेख मिलता है । सुख-समृद्धि की प्राप्ति हेतु भगवती कमला का पाठ फलदायी है । कमलास्तोत्रम् को हमने सभी की सुविधा के लिए कमला स्तोत्र को हिन्दी में अनुवाद सहित उपलब्ध कराया है । जिससे इसका भावार्थ सभी को पता चल सके। ॥ कमलास्तोत्रम् ॥ ओंकाररूपिणी देवि विशुद्धसत्त्वरूपिणी । देवानां जननी त्वं हि प्रसन्ना भव सुन्दरि ॥ भावार्थ— हे देवी लक्ष्मी! आप ओंकार स्वरूपिणी हैं, आप विशुद्धसत्त्व गुणरूपिणी और देवताओं की माता हैं । हे सुंदरी! आप हम पर प्रसन्न हों । तन्मात्रंचैव भूतानि तव वक्षस्थलं स्मृतम् । त्वमेव वेदगम्या तु प्रसन्ना भव सुंदरि ॥ भावार्थ— हे सुंदरी! पंचभूत और पंचतन्मात्रा आपके वक्षस्थल हैं, केवल वेद द्वारा ही आपको जाना जाता है । आप मुझ पर कृपा करें । देवदानवगन्धर्वयक्षराक्षसकिन्नरः । स्तूयसे त्वं सदा लक्ष्मि प्रसन्ना भव सुन्दरि ॥ भावार्थ— हे देवी लक्ष्मी! देव, दानव, गंधर्व, यक्ष, राक्षस्और किन्नर सभी आपकी स्तुति करते हैं । आप हम पर प्रसन्न हों । लोकातीता द्वैतातीता समस्तभूतवेष्टिता । विद्वज्जनकीर्त्तिता च प्रसन्ना भव