श्री संणु जी की आरती - Shri Sandu Ji Ki Aarti
श्री संणु जी की आरती धूप दीप घुत साजि आरती | वारने जाउ कमलापति || 1 || मंगलाहरि मंगला | नित मंगल राजा राम राई को || 2 || रहउ०उत्तम दियरा निरमल बाती | तुही निरंजन कमला पाती || 3 || रामा भगति रामानंदु जानै | पूरन परमानन्द बखानै || 4 || मदन मूरति भै तारि गोबिन्दे | सैणु भणै भजु परमानन्दे || 5 ||