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श्री चन्द्र जी की आरती - Shri Chander Ji Ki Aarti

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श्री चन्द्र जी की आरती ॐ जय श्रीचन्द्र यती , स्वामी जय श्रीचन्द्र यती | अजर अमर अविनाशी योगी योगपती | सन्तन पथ प्रदर्शक भगतन सुखदाता , अगम निगम प्रचारक कलिमहि भवत्राता | कर्ण कुण्डल कर तुम्बा गलसेली साजे , कंबलिया के साहिब चहुँ दीश के राजे | अचल अडोल समाधि प्झासा सोहेबालयती बनवासी देखत जग मोहे | कटि कौपीन तन भस्मी जटा मुकुट धारी , धर्म हत जग प्रगटे शंकर त्रिपुरारी | बाल छबी अति सुन्दर निशदिन मुस्काते , भ विशाल सुलोचन निजानन्दराते | उदासीन आचार्य करूणा कर देवा , प्रेम भगती वर दीजे और सन्तन सेवा | मायातीत गुसाई तपसी निष्कामी , पुरुशोत्तम परमात्म तुम हमारे स्वामी | ऋषि मुनि ब्रह्मा ज्ञानी गुण गावत तेरे , तुम शरणगत रक्षक तुम ठाकुर मेरे | जो जन तुमको ध्यावे पावे परमगती , श्रद्धानन्द को दीजे भगती बिमल मती | अजर अमर अविनाशी योगी योगपती | स्वामी जय श्रीचन्द्र यती...