संदेश

108 names of shiv लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैं

होली 2025: इतिहास, महत्व, सुरक्षा टिप्स और आधुनिक उत्सव की सम्पूर्ण गाइड | Holi Festival Guide in Hindi

चित्र
होली 2024: इतिहास, महत्व, रोचक तथ्य और आधुनिक तरीके | Complete Holi Guide होली 2024: रंगों के साथ संस्कृति का अनूठा संगम 🌈 📜 विषय सूची होली का ऐतिहासिक उद्गम भारत की विविध होली होली विशेष 5 पारंपरिक व्यंजन डिजिटल होली: नई परंपराएँ 1. होली की पौराणिक जड़ें: प्रह्लाद से फाग तक प्राचीन भारतीय ग्रंथों में होली का उल्लेख 'होलिकोत्सव' के रूप में मिलता है... क्यों जलाई जाती है होलिका? हिरण्यकश्यप और प्रह्लाद की कथा का सांस्कृतिक महत्व... 2. भारत के कोने-कोने में होली के रंग 🎭 लट्ठमार होली (उत्तर प्रदेश) बरसाना की विशेष परंपरा जहाँ महिलाएँ पुरुषों को लाठियों से मारती हैं... होला मोहल्ला (पंजाब) सिख परंपरा में मनाया जाने वाला युद्ध कौशल प्रदर्शन... 3. होली की थाली: 5 पारंपरिक स्वाद 🍽️ व्यंजन ...

॥ शम्भुस्तोत्रम् ॥

चित्र
नानायोनिसहस्रकोटिषु मुहुः संभूय संभूय तद्- गर्भावासनिरन्तदुःखनिवहं वक्तुं न शक्यं च तत् । भूयो भूय इहानुभूय सुतरां कष्टानि नष्टोऽस्म्यहं त्राहि त्वं करुणातरङ्गितदृशा शंभो दयाम्भोनिधे ॥ १ ॥ बाल्ये ताडनपीडनैर्बहुविधैः पित्रादिभिर्बोधितः तत्कालोचितरोगजालजनितैर्दुःखैरलं बाधितः । लीलालौल्यगुणीकृतैश्च विविधैर्दुश्चोष्टितैः क्लेशितः सोऽहं त्वां शरणं व्रजाम्यव विभो शंभो दयाम्भोनिधे ॥ २ ॥ तारुण्ये मदनेन पीडिततनुः कामातुरः कामिनी- सक्तस्तद्वशगः स्वधर्मविमुखः सद्भिः सदा दूषितः । कर्माकार्षमपारनारकफलं सौख्याशया दुर्मतिः त्राहि त्वं करुणातरङ्गितदृशा शंभो दयाम्भोनिधे ॥ ३ ॥ वृद्धत्वे गलिताखिलेन्द्रियबलो विभ्रष्टदन्तावलिः श्वेतीभूतशिराः सुजर्जरतनुः कम्पाश्रयोऽनाश्रयः । लालोच्छिष्टपुरीषमूत्रसलिलक्लिन्नोऽस्मि दीनोऽस्म्यहं त्राहि त्वं करुणातरङ्गितदृशा शंभो दयाम्भोनिधे ॥ ४ ॥ ध्यातं ते पदाम्बुजं सकृदपि ध्यातं धनं सर्वदा पूजा ते न कृता कृता स्ववपुषः स्त्रग्गन्धलेपार्चनैः । नान्नाद्यैः परितर्पिता द्विजवरा जिह्वैव संतर्पिता पापिष्ठेन मया सदाशिव विभो शंभो दयाम्भोनिधे ॥ ५ ॥ संध्यास...

Ad - Multiplex