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Shri Lakshmi-Ganesha Mantra (श्री लक्ष्मी-गणेश मंत्र)

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श्री लक्ष्मी-गणेश मंत्र लक्ष्मी विनायक मन्त्र ॐ श्रीं गं सौम्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा॥ लक्ष्मी गणेश ध्यान मन्त्र  दन्ताभये चक्रवरौ दधानं, कराग्रगं स्वर्णघटं त्रिनेत्रम्।  धृताब्जयालिङ्गितमाब्धि पुत्र्या-लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे॥ ऋणहर्ता गणपति मन्त्र ॐ गणेश ऋणं छिन्धि वरेण्यं हुं नमः फट्॥ लक्ष्मी- गणेश  यंन्त्र

Vedsar Shiva Stavah Stotram - वेदसार शिवस्तव स्तोत्रं

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।।वेदसार शिवस्तव स्तोत्रं अर्थ सहित।। ॥ वेदसार शिवस्तव:॥ पशूनां पतिं पापनाशं परेशं गजेन्द्रस्य कृत्तिं वसानं वरेण्यम् जटाजूटमध्ये स्फुरद्गाङ्गवारिं महादेवमेकं स्मरामि स्मरारिम्  ॥१॥ भावार्थ— जो सम्पूर्ण प्राणियों के रक्षक हैं, पापका ध्वंस करने वाले हैं, परमेश्वर हैं, गजराजका चर्म पहने हुए हैं तथा श्रेष्ठ हैं और जिनके जटाजूटमें श्रीगंगाजी खेल रही हैं, उन एकमात्र कामारि श्रीमहादेवजी का मैं स्मरण करता हुॅं ||1|| महेशं सुरेशं सुरारातिनाशं विभुं विश्वनाथं विभूत्यङ्गभूषम् विरूपाक्षमिन्द्वर्कवह्नित्रिनेत्रं सदानन्दमीडे प्रभुं पञ्चवक्त्रम् ॥२॥ भावार्थ— चन्द्र,सूर्य और अग्नि— तीनों जिनके नेत्र हैं, उन विरूपनयन महेश्वर, देवेश्वर, देवदु:खदलन, विभु, विश्वनाथ, विभूतिभूषण, नित्यानन्दस्वरूप, पंचमुख भगवान् महादेवकी मैं स्तुति करता हूॅं ||2|| गिरीशं गणेशं गले नीलवर्णं गवेन्द्राधिरूढं गुणातीतरूपम् भवं भास्वरं भस्मना भूषिताङ्गं भवानीकलत्रं भजे पञ्चवक्त्रम् ॥३॥ भावार्थ— जो कैलासनाथ हैं, गणनाथ हैं, नीलकण्ठ हैं, बैलपर चढ़े हुए हैं, अगणित रूपवाले हैं, संसारक आदिकारण ह

शिवताण्डवस्तोत्रम् - Shiv Tandav Stotram Mantra

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ये शिव जी कुछ मन्त्रों की सूची है इन्हें पढने के लिए मंत्र पर क्लिक (click ) करे-                  1.    श्री शिव मानसपूजा - Shri Shiv Manasa Puja               2.  श्री शिवापराधक्षमापणस्तोत्रम् - Shiv Aprdham ksamapana Stotram               3.  श्री शिव चालीसा (Shri Shiv Chalisa)               4.  श्री शिव पंचाक्षर स्तोत्र - Shri Shiv Panchakshar Stotram               5.  भगवान शिव जी के 108 नाम है              6.  शिवजी की आरती - Shri Shiv Ji Ki Aarti                7.  Shiva Tandava Stotram Lyrics 8.   Shiv Tandav Stotram Lyrics in Hindi- शिव तांडव स्तोत्रं || शिवताण्डवस्तोत्रम् || ||श्रीगणेशाय नमः || जटा टवी गलज्जल प्रवाह पावितस्थले, गलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजङ्ग तुङ्ग मालिकाम् | डमड्डमड्डमड्डमन्निनाद वड्डमर्वयं, चकार चण्डताण्डवं तनोतु नः शिवः शिवम् ||१|| जटा कटा हसंभ्रम भ्रमन्निलिम्प निर्झरी, विलो लवी चिवल्लरी विराजमान मूर्धनि | धगद् धगद् धगज्ज्वलल् ललाट पट्ट पावके किशोर चन्द्र शेखरे रतिः प्रतिक्षणं मम ||२|| धरा धरेन्द्र नंदिनी विलास ब

विष्णु जी 108 नामावली

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  Vishnu Ji ke 108 Name || विष्णुजी के 108 नाम भगवान श्री विष्णु जी को त्रिदेवों में से एक माना जाता है। मान्यता है कि जगत का पालन भगवान श्री विष्णु जी ही करते हैं। विष्णु जी देवी लक्ष्मी (विष्णुजी की पत्नी) के साथ क्षीरसागर में वास करते हैं। हिन्दू धर्म- शास्त्रों में भगवान विष्णु को श्री हरि, नारायण, नर-नारायण आदि कई नामों से जाना जाता है। विष्णुजी के कुछ विशेष 108 नाम कुछ इस प्रकार हैं -:   विष्णुजी के 108 नाम  अर्थ सहित - No नाम नाम   मंत्र नाम   का   अर्थ 1. विष्णु ॐ   विष्णवे   नमः। हर   जगह   विराजमान   रहने   वाले 2. लक्ष्मीपति ॐ   लक्ष्मीपतये   नमः। देवी   लक्ष्मी   के   पती 3. कृष्ण ॐ   कृष्णाय   नमः। काले   रंग   वाले 4. नारायण ॐ   नारायणाय   नमः। ईश्वर ,  परमात्मा 5. गरुडध्वजा ॐ   गरुडध्वजाय   नमः। गरुड़   पर   सवार   होने   वाले 6. वषट्कार ॐ   वषट्कार   नमः। यज्ञ   से   प्रसन्न   होने   वाले 7. भूतात्मा ॐ   भूतात्मा   नमः।   ब्रह्मांड   के   सभी   प्राणियों   की   आत्मा   में   वास   करने   वाले 8. पूतात्मा ॐ   पूतात्मा   नमः। शुद्ध   छवि   वाले   प्रभु 9. परमात्मा ॐ   परमा