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आधुनिक जीवन के लिए भगवद गीता के 10 सबक | Bhagavad Gita Lessons

आधुनिक जीवन के लिए भगवद गीता के 10 सबक | Bhagavad Gita Lessons आधुनिक जीवन के लिए भगवद गीता के 10 अनमोल सबक 1. कर्म योग - कर्म करो, फल की चिंता ना करो (अध्याय 2, श्लोक 47) "कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन" - अपना कर्म पूरी निष्ठा से करो, परिणाम की चिंता छोड़ दो। आज के तनाव भरे जीवन में यह सीख तनाव मुक्ति का सर्वोत्तम उपाय है। 2. आत्म-ज्ञान - स्वयं को पहचानो (अध्याय 6, श्लोक 5) मनुष्य को सबसे पहले अपने वास्तविक स्वरूप को समझना चाहिए। आधुनिक मनोविज्ञान भी आत्म-जागरूकता(self-awareness) को सफलता की पहली सीढ़ी मानता है। 3. स्वधर्म - अपनी यूनिक पहचान बनाए रखें (अध्याय 3, श्लोक 35) "स्वधर्मे निधनं श्रेय: परधर्मो भयावह:" - सोशल मीडिया के युग में दूसरों की नकल करने के बजाय अपनी वास्तविक प्रतिभा को विकसित करना सफलता की कुंजी है। ...

शिव तांडव स्तोत्र: संपूर्ण पाठ, अर्थ और आध्यात्मिक महत्व | Shiv Tandav Stotram in Hindi

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शिव तांडव स्तोत्र 🌿 शिव तांडव स्तोत्र 🌿 रचना की पृष्ठभूमि रावण ने कैलाश पर्वत उठाने का प्रयास किया, लेकिन शिव ने उसे अपने अंगूठे से दबा दिया। इस पीड़ा में रावण ने शिव की स्तुति में यह स्तोत्र गाया, जिससे प्रसन्न होकर शिव ने उसे मुक्त किया और वरदान दिए। यह स्तोत्र "ब्रह्मांडीय नृत्य" (तांडव) का प्रतीक है, जो सृष्टि के संहार और पुनर्जन्म का प्रतिनिधित्व करता है। स्तोत्र की संरचना एवं प्रमुख श्लोकों का सार प्रत्येक श्लोक में शिव के विभिन्न रूपों और गुणों का वर्णन है: श्लोक 1: शिव के गले में गंगा, सर्पों की माला, और डमरू की ध्वनि के साथ तांडव नृत्य का चित्रण। श्लोक 2: जटाओं में गंगा की लहरें और ललाट पर अग्नि का तेज। श्लोक 3: पार्वती के साथ शिव का प्रेम और दिगम्बर रूप। श्लोक 4-7: सर्प, हाथी की खाल, और कामदेव के विनाश जैसे प्रतीकों के माध्यम से शिव की वीरता और सौंदर्य का वर्णन। श्लोक 8-10: शिव के कंठ की श्यामता, गजचर्...

Shiva Ashtakam - Shivashtakam - शिवाष्टकम्

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॥ अथ श्री शिवाष्टकम् ॥ प्रभुं प्राणनाथं विभुं विश्वनाथंजगन्नाथ नाथं सदानन्द भाजाम्। भवद्भव्य भूतेश्वरं भूतनाथं,शिवं शङ्करं शम्भु मीशानमीडे॥१॥ गले रुण्डमालं तनौ सर्पजालंमहाकाल कालं गणेशादि पालम्। जटाजूट गङ्गोत्तरङ्गै र्विशालं,शिवं शङ्करं शम्भु मीशानमीडे॥२॥ मुदामाकरं मण्डनं मण्डयन्तंमहा मण्डलं भस्म भूषाधरं तम्। अनादिं ह्यपारं महा मोहमारं,शिवं शङ्करं शम्भु मीशानमीडे॥३॥ वटाधो निवासं महाट्टाट्टहासंमहापाप नाशं सदा सुप्रकाशम्। गिरीशं गणेशं सुरेशं महेशं,शिवं शङ्करं शम्भु मीशानमीडे॥४॥ गिरीन्द्रात्मजा सङ्गृहीतार्धदेहंगिरौ संस्थितं सर्वदापन्न गेहम्। परब्रह्म ब्रह्मादिभिर्-वन्द्यमानं,शिवं शङ्करं शम्भु मीशानमीडे॥५॥ कपालं त्रिशूलं कराभ्यां दधानंपदाम्भोज नम्राय कामं ददानम्। बलीवर्धमानं सुराणां प्रधानं,शिवं शङ्करं शम्भु मीशानमीडे॥६॥ शरच्चन्द्र गात्रं गणानन्दपात्रंत्रिनेत्रं पवित्रं धनेशस्य मित्रम्। अपर्णा कलत्रं सदा सच्चरित्रं,शिवं शङ्करं शम्भु मीशानमीडे॥७॥ हरं सर्पहारं चिता भूविहारंभवं वेदसारं सदा निर्विकारं। श्मशाने वसन्तं मनोजं दहन्तं,शिवं शङ्करं शम्भु मीशानमीडे॥८॥ स्वयं यः प्रभाते नरश्शूल पाणेप...

Shiv Tandav Stotram Lyrics in Hindi- शिव तांडव स्तोत्रं

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 Shiv Tandav Stotra Hindi Me - शिव तांडव स्तोत्रं जटा टवी गलज्जलप्रवाह पावितस्थले गलेऽव लम्ब्यलम्बितां भुजंगतुंग मालिकाम् ‌ । डमड्डमड्डमड्डमन्निनाद वड्डमर्वयं चकारचण्डताण्डवं तनोतु नः शिव : शिवम् ‌ ॥१॥ उनके बालों से बहने वाले जल से उनका कंठ पवित्र है , और उनके गले में सांप है जो हार की तरह लटका है , और डमरू से डमट् डमट् डमट् की ध्वनि निकल रही है , भगवान शिव शुभ तांडव नृत्य कर रहे हैं , वे हम सबको संपन्नता प्रदान करें। जटाकटा हसंभ्रम भ्रमन्निलिंपनिर्झरी विलोलवीचिवल्लरी विराजमानमूर्धनि। धगद्धगद्धगज्ज्वल ल्ललाटपट्टपावके किशोरचंद्रशेखरे रतिः प्रतिक्षणं मम : ॥२॥ मेरी शिव में गहरी रुचि है , जिनका सिर अलौकिक गंगा नदी की बहती लहरों की धाराओं से सुशोभित है , जो उनकी बालों की उलझी जटाओं की गहराई में उमड़ रही हैं ? जिनके मस्तक की सतह पर चमकदार अग्नि प्रज्वलित है , और जो अपने सिर पर अर्ध - चंद्र का आभूषण पहने हैं। धराधरेंद्रनंदिनी विलासबन्धुबन...

आज का पंचांग | तिथि, नक्षत्र, योग और शुभ मुहूर्त | हिंदू कैलेंडर

आज का पंचांग | तिथि, नक्षत्र, मुहूर्त और सूर्योदय-सूर्यास्त समय 📅 आज का पंचांग और शुभ मुहूर्त 🙏 **नमस्कार!** आज का **हिंदू पंचांग** लेकर आए हैं, जिसमें **तिथि, नक्षत्र, योग, करण, सूर्योदय, सूर्यास्त, और शुभ मुहूर्त** की जानकारी दी गई है। पंचांग का उपयोग शुभ कार्यों के लिए किया जाता है। विवाह, गृह प्रवेश, नामकरण संस्कार, व्यापार शुरू करने और अन्य शुभ कार्यों के लिए **शुभ समय (मुहूर्त)** देखना आवश्यक होता है। 🌟 पंचांग क्यों महत्वपूर्ण है? 🌅 **सूर्योदय और सूर्यास्त** का सही समय जानें। 📆 **आज की तिथि, नक्षत्र, और योग** की जानकारी प्राप्त करें। 📿 **शुभ मुहूर्त और अशुभ समय** (राहुकाल, यमगंड काल) देखें। 🙏 **धार्मिक कार्यों के लिए सही समय** का चयन करें। 📌 अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs) 🔹 पंचांग क्या है? पंचांग...

"गणेश चतुर्थी: हिन्दू संस्कृति में भगवान गणेश का महत्व"

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"गणेश चतुर्थी: हिन्दू संस्कृति में भगवान गणेश का महत्व"   गणेश चतुर्थी, हिन्दू धर्म में एक प्रमुख त्योहार है जो भगवान गणेश के जन्म के रूप में मनाया जाता है। यह त्योहार भारत के विभिन्न हिस्सों में उत्सव के रूप में मनाया जाता है, लेकिन सबसे अधिक प्रमुखता महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में होती है। गणेश चतुर्थी का आयोजन भद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को किया जाता है, जो गणेश चतुर्थी के रूप में जाना जाता है. गणेश चतुर्थी के दिन लोग अपने घरों में खूबसुरत गणेश मूर्तियों की स्थापना करते हैं। ये मूर्तियाँ विभिन्न आकृतियों और आकारों में होती हैं, और लोग इन्हें अपने घरों में पूजते हैं। पूजा के दौरान विशेष प्रार्थनाएँ की जाती हैं, और गणेश के चरणों में पुष्प, धूप, और नैवेद्य चढ़ाए जाते हैं। गणेश चतुर्थी के दिन लोग खूबसुरत वस्त्रों में तैयार होते हैं, और घरों को सजाते हैं। यह उत्सव जोश और उत्साह के साथ मनाया जाता है, और लोग दिन भर गणेश भगवान की पूजा-अर्चना करते हैं। गणेश चतुर्थी के दौरान, समाज में सामाजिक सद्भावना और एकता का पालन किया जाता है। लोग अपने...

ॐ भद्रं कर्णेभिः मंत्र

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गणपति अथर्वशीर्ष" एक महत्वपूर्ण हिन्दू पाठ है जो भगवान गणेश के महत्व को व्यक्त करता है। यह पाठ गणेश चतुर्थी और अन्य धार्मिक अवसरों पर पठा जाता है। यहां मैं गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ दे रहा हूँ: गणपति अथर्वशीर्ष पाठ: ॐ भद्रं कर्णेभिः शृणुयाम देवाः। भद्रं पश्येमाक्षभिर्यजत्राः। स्थिरैरङ्गैस्तुष्टुवांसस्तनूभिः। व्यशेम देवहितं यदायुः। स्वस्ति न इन्द्रो वृद्धश्रवाः। स्वस्ति नः पूषा विश्ववेदाः। स्वस्ति नस्तार्क्ष्यो अरिष्टनेमिः। स्वस्ति नो बृहस्पतिर्दधातु। ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः। Mantra in Hinslish - Om Bhadram Karnnebhih Shrnnuyaama Devaah | Bhadram Pashyema-Akssabhir-Yajatraah | Sthirair-Anggais-Tussttuvaamsas-Tanuubhih | Vyashema Devahitam Yad-Aayuh | Svasti Na Indro Vrddha-Shravaah | Svasti Nah Puussaa Vishva-Vedaah | Svasti Nas-Taakssaryo Arisstta-Nemih | Svasti No Vrhaspatir-Dadhaatu || Om Shaantih Shaantih Shaantih || गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ गणेश के आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए किया जाता है और यह विभिन्न संकटों से सुरक्षा प्रदान करने का उद्देश्य रखता है।

Shri Narayan Stotram in hindi ||श्री नारायण स्तोत्र

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 श्री नारायण स्तोत्र नारायण नारायण जय गोविंद हरे ॥ नारायण नारायण जय गोपाल हरे ॥ करुणापारावारा वरुणालयगम्भीरा ॥ घननीरदसंकाशा कृतकलिकल्मषनाशा ॥ यमुनातीरविहारा धृतकौस्तुभमणिहारा ॥ पीताम्बरपरिधाना सुरकल्याणनिधाना ॥ मंजुलगुंजाभूषा मायामानुषवेषा ॥ राधाऽधरमधुरसिका रजनीकरकुलतिलका ॥ मुरलीगानविनोदा वेदस्तुतभूपादा ॥ बर्हिनिवर्हापीडा नटनाटकफणिक्रीडा ॥ वारिजभूषाभरणा राजिवरुक्मिणिरमणा ॥ जलरुहदलनिभनेत्रा जगदारम्भकसूत्रा ॥ पातकरजनीसंहर करुणालय मामुद्धर ॥ अधबकक्षयकंसारे केशव कृष्ण मुरारे ॥ हाटकनिभपीताम्बर अभयं कुरु मे मावर ॥ दशरथराजकुमारा दानवमदस्रंहारा ॥ गोवर्धनगिरिरमणा गोपीमानसहरणा ॥ शरयूतीरविहारासज्जनऋषिमन्दारा ॥ विश्वामित्रमखत्रा विविधपरासुचरित्रा ॥ ध्वजवज्रांकुशपादा धरणीसुतस्रहमोदा ॥ जनकसुताप्रतिपाला जय जय संसृतिलीला ॥ दशरथवाग्घृतिभारा दण्डकवनसंचारा ॥ मुष्टिकचाणूरसंहारा मुनिमानसविहारा ॥ वालिविनिग्रहशौर्या वरसुग्रीवहितार्या ॥ मां मुरलीकर धीवर पालय पालय श्रीधर ॥ जलनिधिबन्धनधीरा रावणकण्ठविदारा ॥ ताटीमददलनाढ्या नटगुणविविधधनाढ्या ॥ गौतमपत्नीपूजन करुणाघनावलोकन ॥ स्रम्भ्रमसीताहारा साकेतपुरविहारा ॥ अच...

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