गणेश जी कौन है॥ - Ganesh Ji Kaun h
गणेश जी शिवजी और पार्वती के पुत्र है। उनका वाहन मूषक है। गणो के स्वामी होने के कारण् उनका एक नाम गणपति भी है। ज्योतिष मे इनको केतु का देवता माना जाता है
और जो भी संसार के साधन हैं उनके स्वामी श्री गणेशजी हैं। हाथी जैसा सिर होने के करण उन्हें गजान भी कहते हैं। गणेश जी का नाम हिन्दू शास्त्रों के अनुसार किसी भी कार्य के लिये पहले पुज्य है।
आखिर कैसे एक मूषक बना गणेश जी का वाहन....?
प्राचीन समय में सुमेरू पर्वत पर सौभरि ऋषि का अत्यंत मनोरम आश्रम था। उनकी अत्यंत रूपवती और पतिव्रता पत्नी का नाम मनोमयी था। एक दिन ऋषि लकड़ी लेने के लिए वन में गए और मनोमयी गृह-कार्य में लग गई। उसी समय एक दुष्ट कौंच नामक गंधर्व वहाँ आया और उसने अनुपम लावण्यवती मनोमयी को देखा तो व्याकुल हो गया।
कौंच ने ऋषि-पत्नी का हाथ पकड़ लिया। रोती और काँपती हुई ऋषि पत्नी उससे दया की भीख माँगने लगी। उसी समय सौभरि ऋषि आ गए। उन्होंने गंधर्व को श्राप देते हुए कहा 'तूने चोर की तरह मेरी सहधर्मिणी का हाथ पकड़ा है, इस कारण तू मूषक होकर धरती के नीचे और चोरी करके अपना पेट भरेगा।
काँपते हुए गंधर्व ने मुनि से प्रार्थना की-'दयालु मुनि, अविवेक के कारण मैंने आपकी पत्नी के हाथ का स्पर्श किया था। मुझे क्षमा कर दें। ऋषि ने कहा मेरा श्राप व्यर्थ नहीं होगा, तथापि द्वापर में महर्षि पराशर के यहाँ गणपति देव गजमुख पुत्र रूप में प्रकट होंगे (हर युग में गणेशजी ने अलग-अलग अवतार लिए) तब तू उनका वाहन बन जाएगा, जिससे देवगण भी तुम्हारा सम्मान करने लगेंगे।
गणेश को जन्म न देते हुए माता पार्वती ने उनके शरीर की रचना की। उस समय उनका मुख सामान्य था। माता पार्वती के स्नानागार मे गणेश की रचना के बाद माता ने उनको घर की पहरेदारी करने का आदेश दिया। माता ने कहा कि जब तक वह स्नान कर रही हैं तब तक के लिये गणेश किसी को भी घर में प्रवेश न करने दे। तभी द्वार पर भगवान शंकर आए और बोले "पुत्र यह मेरा घर है मुझे प्रवेश करने दो।" गणेश के रोकने पर प्रभु ने गणेश का सर धड़ से अलग कर दिया। गणेश को भूमि में निर्जीव पड़ा देख माता पार्वती व्याकुल हो उठीं। तब शिव को उनकी त्रुटि का बोध हुआ और उन्होंने गणेश के धड़ पर गज का सर लगा दिया। उनको प्रथम पूज्य का वरदान मिला इसीलिए सर्वप्रथम गणेश की पूजा होती है।
गणेश जी के परिवार में कौन-कौन है...?
गणेश जी के बड़े भाई का नाम श्री कार्तिकेय और बहन का नाम अशोक सुन्दरी है।
गणेश जी की दो पत्नी है जिनका नाम ऋद्धि और सिद्धि है तथा दो पुत्र है जिनका नाम सिद्धि से "क्षेम" और ऋद्धि से "लाभ" है। लोक—परंपरा में इन्हें ही शुभ—लाभ कहा जाता है।
गणेश जी के नाम...?
गणेश जी के अनेक नाम हैं लेकिन ये 12 नाम प्रमुख हैं।
सुमुख, एकदंत, कपिल, गजकर्णक, लंबोदर, विकट, विघ्न-नाश,विनायक, धूम्रकेतु, गणाध्यक्ष, भालचंद्र, गजानन। उप्रोक्त द्वादश नाम नारद पुरान मे पहली बार गणेश के द्वादश नामवलि मे आया है| विद्यारम्भ तथ विवाह के पूजन के प्रथम मे इन नामो से गणपति के अराधना का विधान है|
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