श्री बालकृष्ण जी की आरती - Shri Balkishan Ji Ki Aarti
श्री बालकृष्ण जी की आरती
आरती युगल किशोर की कीजै |
राधे धन न्यौछावर कीजै || टेक ||
रवि शशि कोटि बदन की शोभा |
ताहि निरख मेरो मन लोभा || आरती
गौर श्याम मुख निरखत रीझै |
प्रभु को रूप नयन भर पीजै || आरती
आरती बालकृष्ण की कीजै |
अपनों
जनम सुफल करि लीजै |
श्रीयशुदा
को परम दुलारौ |
बाबा
की अखियन कौ तारो ||
गोपिन
के प्राणन को प्यारौ |
इन
पै प्राण निछावरी कीजै |
आरती
बालकृष्ण की कीजै ||
बलदाऊ
कौ छोटो भैया |
कनुआँ
कहि कहि बोलत मैया |
परम
मुदित मन लेत वलैया |
यह
छबि नयननि में भरि लीजै |
आरती
बालकृष्ण की कीजै ||
श्री
राधावर सुघर कन्हैया |
ब्रजजन
कौ नवनीत खवैया |
देखत
ही मन नयन चुरैया |
अपनौ
सरबस इनकूं दीजे |
आरती
बालकृष्ण की कीजै ||
तोतरि
बोलनि मधुर सुहावै |
सखन
मधुर खेलत सुख पावै |
सोई
सुकृति जो इनकूं ध्यावै |
अब
इनकूं अपनों करि लीजै |
आरती
बालकृष्ण की कीजै ||
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें